दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां कृषि क्षेत्र में 35,440 करोड़ रुपये की दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की. उन्होंने 24,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का भी शुभारंभ किया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित किया. इस मौक पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित विशेष कृषि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज 11 अक्टूबर बहुत ही ऐतिहासिक दिन है. आज भारत माता के दो महान रत्नों की जयंती है जिन्होंने इतिहास रच दिया. भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख, ये दोनों महान सपूत ग्रामीण भारत की आवाज और लोकतांत्रिक क्रांति के अग्रदूत थे.
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi launches two major schemes in the agriculture sector, with an outlay of Rs 35,440 crore. PM Modi also launches the PM Dhan Dhaanya Krishi Yojana, which has an outlay of Rs 24,000 crore.
(Souce: DD News) pic.twitter.com/41yJrAnmpO
— ANI (@ANI) October 11, 2025
वे किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित थे. आज इस ऐतिहासिक दिन पर देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण नई योजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है. पहली प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन. ये दोनों योजनाएं भारत के लाखों किसानों का भाग्य बदल देंगी. सरकार इन योजनाओं पर 35,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है.’
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में विशेष कृषि कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘यहां आने से पहले प्रधानमंत्री ने विभिन्न किसानों से बातचीत की. वह चर्चा इतनी गहन थी कि उसमें कृषि और किसानों के प्रति प्रधानमंत्री की चिंता झलकती थी. हाल ही में कृषि उपकरणों पर जीएसटी कम करके किसानों को बड़ी राहत दी गई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार इसमें 24,000 करोड़ रुपये की लागत वाली प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना भी शामिल है. बयान में कहा गया,’इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल-उपरांत भंडारण को बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना और चयनित 100 जिलों में दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना है.’ प्रधानमंत्री 11,440 करोड़ रुपये की लागत के साथ दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन का भी शुभारंभ करेंगे.
इसका उद्देश्य दालों के उत्पादकता स्तर में सुधार लाना, दालों की खेती के क्षेत्र का विस्तार करना, मूल्य श्रृंखला – खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण – को मजबूत करना और नुकसान में कमी सुनिश्चित करना है. प्रधानमंत्री मोदी कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. इसी के साथ करीब 815 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक विशेष कृषि कार्यक्रम में भाग लेंगे तथा किसानों से बातचीत करेंगे. इसके बाद वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां वे इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, ‘यह कार्यक्रम किसान कल्याण, कृषि आत्मनिर्भरता और ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के प्रति प्रधानमंत्री की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
यह आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, किसानों का समर्थन करने और किसान-केंद्रित होगा. प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र, अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत असम में आईवीएफ लैब की स्थापना, मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र, असम के तेजपुर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली चारा संयंत्र, कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, एकीकृत कोल्ड चेन और बुनियादी ढांचा आदि शामिल हैं.
प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे उनमें आंध्र प्रदेश के कृष्णा में एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना, उत्तराखंड में ट्राउट मत्स्य पालन, नागालैंड में एकीकृत एक्वा पार्क, कराईकल, पुडुचेरी में स्मार्ट और एकीकृत मत्स्य पालन बंदरगाह और ओडिशा के हीराकुंड में अत्याधुनिक एकीकृत एक्वापार्क शामिल हैं. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री दलहन की खेती में लगे किसानों के साथ बातचीत करेंगे जिन्हें कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन में मूल्य श्रृंखला आधारित दृष्टिकोण स्थापित करने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभ हुआ है.