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ग्रेनो वेस्ट: इरोज़ सम्पूर्णम सोसायटी में सूर्योदय अर्घ्य के साथ सम्पन्न हुआ छठ महापर्व, सोसायटी में गूंजे ‘छठ मइया के गीत

ग्रेटर नोएडा: चार दिनों तक चले लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित इरोज़ सम्पूर्णम सोसायटी में हर्षोल्लास और भक्तिभाव के साथ हुआ. इस अवसर पर सोसायटी में बने तालाब क्षेत्र में भोर से ही सोसायटी के श्रद्धालुओं की टोली आने की शुरूआत हुई. सूर्य देवता के दर्शनोपरांत वातावरण “जय छठी मइया” और “उग हे सूरज देव” जैसे गीतों से गूंज उठा.

सोसायटी की महिलाएं पारंपरिक परिधान—पीली और लाल साड़ियाँ, माथे पर सिंदूर की लंबी रेखा और हाथों में टोकरी लिए, गीत गाती हुई घाट की ओर बढ़ रही थीं. पुरुष और बच्चे दीप सजाकर तालाब के चारों ओर व्यवस्था को संभाल रहे थे.

चार दिनों की तपस्या का शुभ समापन

छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय से हुई थी, जब महिलाओं ने पवित्र मन से स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण किया. दूसरे दिन खरना के अवसर पर गुड़-चावल की खीर और रोटी बनाकर व्रतधारिणियों ने पूरे दिन उपवास रखकर शाम को अर्घ्य दिया.

तीसरे दिन शाम को व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इस अवसर पर इरोज़ सम्पूर्णम सोसायटी का वातावरण अत्यंत भक्तिमय हो उठा था. सोसायटी के मंदिर व गेट को फूलों, झालरों, दीपकों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था. सोसायटी निवासी अपने परिवार सहित श्रद्धा से पूजा में शामिल हुए.

अंतिम दिन यानी चौथे दिन प्रातःकालीन उषा अर्घ्य के साथ छठ महापर्व का समापन हुआ. व्रती महिलाओं ने सूर्य देव से परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की दीर्घायु की कामना की.

भव्य सजावट और सामूहिक सहयोग का उदाहरण

इरोज़ सम्पूर्णम सोसायटी में छठ पूजा की तैयारियाँ कई दिनों पहले से शुरू हो गई थीं. सोसायटी के सम्पूर्णम देवस्थानम सेवा ट्रस्ट (रजि)० मंदिर के सदस्य शैलेश मिश्रा, राजेश कुमार, दिनेश झा, अशोक यादव, देवेन्द्र दुबे, अनिल वर्मा, अनिल चौधरी, निरंजन कुमार व अन्य निवासियों की देखरेख में छठ पूजा सफल आयोजन किया गया.

धार्मिक आस्था के साथ सामाजिक जुड़ाव

छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सामाजिक जुड़ाव का पर्व भी बन चुका है. इससे समाज में सहयोग, समानता और समर्पण की भावना को बढ़ावा मिलता है. सोसायटी में पूजा के दौरान कई गैर-पूर्वांचली परिवारों ने भी प्रसाद वितरण और व्यवस्था में सहयोग किया. बच्चों ने भी जल कलश लेकर व्रती माताओं की सहायता की.

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