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गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर खुला को-वर्किंग स्पेस, यात्रा के साथ अब स्मार्ट वर्कस्पेस की सुविधा भी उपलब्ध

गाजियाबाद: एनसीआरटीसी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जीवन को और सहज बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर एक अत्याधुनिक को-वर्किंग स्पेस की शुरुआत की है, जो पेशेवरों और उद्यमियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. स्टेशन के कॉन्कोर्स लेवल पर स्थित यह स्मार्ट को-वर्कस्पेस आरामदायक और भविष्य-उन्मुख कार्य वातावरण की सुविधा देता है. यहां 42 ओपन वर्कस्टेशंस, 11 प्राइवेट केबिन और 2 पूर्ण रूप से सुसज्जित मीटिंग रूम उपलब्ध हैं, जो एकल कार्य, टीम सहयोग या क्लाइंट मीटिंग जैसी विभिन्न कार्यशैलियों की ज़रूरतें पूरी करते है.

मेरठ तिराहा मोड़ पर स्थित है, जहां से नया बस अड्डा शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन भी कुछ दूरी पर है. इसी वजह से यहां रोज़ाना भारी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. स्टेशन परिसर में ऐसा वर्कस्पेस उपलब्ध होना खासकर उन पेशेवरों के लिए उपयोगी होगा जो रिमोट सिस्टम के तहत काम करते हैं या जिनका कोई निश्चित ऑफिस नहीं है.

को-वर्किंग स्पेस पारंपरिक दफ्तरों की तुलना में किफायती और स्मार्ट विकल्प प्रदान करता है. हाई-स्पीड इंटरनेट, प्लग-एंड-प्ले डेस्क, और 24×7 एक्सेस इसे आज के मोबाइल वर्कफोर्स के लिए आदर्श बनाते हैं. स्टार्टअप्स, फ्रीलांसरों और दूरस्थ पेशेवरों के लिए वर्ल्ड-क्लास और आरामदायक समाधान है.

अब यात्री केवल स्टैंडर्ड किराए का 20% अतिरिक्त भुगतान करके प्रीमियम क्लास कोच में यात्रा कर सकते हैं और प्रीमियम लाउंज की सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं. प्रीमियम क्लास का किराया अब केवल स्टैंडर्ड टिकट का 1.2 गुना है, जो इसे एक किफायती विकल्प बनाता है. किराए में यह मामूली बढ़ोत्तरी यात्रियों के लिए बेहतर आराम, सुनिश्चित सीटिंग, विशेष सुविधाएं और शांतिपूर्ण यात्रा अनुभव सुनिश्चित करेगी, जो कि दैनिक और लंबी दूरी के यात्रियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी. उदाहरण के लिए, यदि कोई यात्री ₹100 का स्टैंडर्ड टिकट खरीदता है, तो वह केवल ₹20 अतिरिक्त देकर प्रीमियम क्लास में यात्रा कर सकता है.

वर्तमान में नमो भारत ट्रेनें 55 किलोमीटर लंबे मार्ग पर परिचालित हैं, जिसमें 11 स्टेशन शामिल हैं: न्यू अशोक नगर, आनंद विहार, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ, और मेरठ साउथ. शेष कॉरिडोर पर ट्रायल रन जारी हैं, और 82 किलोमीटर लंबे पूरे मार्ग, जिसमें मेरठ मेट्रो सेक्शन भी शामिल है, को इसी वर्ष चालू करने का लक्ष्य है.

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