दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी की सफाई और प्रदूषण मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आगामी 30 सितंबर को ओखला में एशिया के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन करेंगे. यह विशालकाय प्लांट राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के तहत यमुना पुनरोद्धार योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और दिल्ली की लगभग 40 लाख आबादी के सीवेज को शोधित करेगा, जिससे यमुना में सीधे जाने वाले प्रदूषण में भारी कमी आएगी.
124 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) की क्षमता वाला यह अत्याधुनिक एसटीपी ओखला में पुराने चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की जगह लेगा. इसका निर्माण दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से केंद्र सरकार के सहयोग से 1161 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है, जिसमें जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) का भी वित्तीय सहयोग शामिल है.
इस एसटीपी के शुरू होने से दक्षिण, मध्य और पुरानी दिल्ली के बड़े हिस्से (जिनमें ग्रीन पार्क, सिविल लाइंस, हौज खास, लाजपत नगर, ओखला और सरिता विहार जैसे क्षेत्र शामिल हैं) का शोधित सीवेज अब सीधे यमुना में नहीं बहेगा. यह प्लांट न केवल सीवेज का उपचार करेगा, बल्कि इसमें बिजली पैदा करने और पुन: उपयोग योग्य ‘ए-क्लास’ गाद (स्लज) बनाने का भी प्रावधान है.
उद्घाटन समारोह में गृहमंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और जल मंत्री प्रवेश वर्मा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति और जापानी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. यह समारोह एक भव्य आयोजन होगा, जिसमें करीब पांच हजार से अधिक स्थानीय निवासियों के शामिल होने की उम्मीद है. ओखला एसटीपी के उद्घाटन के साथ ही, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यमुना पुनरोद्धार मिशन के तहत कुल 46 परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनकी कुल लागत 4500 करोड़ रुपये से अधिक है. इन परियोजनाओं में कई एसटीपी, सीवर लाइनें और जल भंडार शामिल हैं.
उक्त परियोजनाओं के शुरू होने के संबंध में दिल्ली सरकार के जलमंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह परियोजनाएं यमुना को निर्मल बनाने की दिशा में सरकार के दृढ़ इरादे को दर्शाती हैं. केंद्र सरकार ने यमुना एक्शन प्लान-III के तहत इस एसटीपी परियोजना के लिए 85 फीसदी फंड का योगदान दिया है, जो केंद्र और राज्य के सहयोगात्मक प्रयास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. एशिया के इस सबसे बड़े एसटीपी के शुरू होने से यमुना की सेहत में उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद है, जिससे दिल्लीवासियों को स्वच्छ जलधारा का लाभ मिल सकेगा.
दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यमुना को लेकर लिए गए बड़े फैसले
- दिल्ली की सीवेज अवसंरचना को सुधारने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है, जिसमें 40 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का निर्माण शामिल है.
- गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर दिल्ली में यमुना रिवरफ्रंट के विकास की योजना बनाई गई है. इस परियोजना के लिए साबरमती रिवरफ्रंट बनाने वाली संस्था के साथ अनुबंध किया गया है.
- यमुना नदी के सोनिया विहार से जगतपुर ( 4 से 7 किलोमीटर) के बीच एक फेरी व क्रूज सेवा शुरू करने की योजना है. इस परियोजना के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
दिल्ली के दायरे में आने वाली यमुना नदी के महत्वपूर्ण तथ्य –
- दिल्ली में यमुना करीब 22 किलोमीटर तक बहती है, जो इसकी कुल लंबाई का 2 फीसद है, लेकिन 80 फीसद प्रदूषण यहीं होता है.
- दिल्ली में यमुना नदी में गिरने वाले 22 में से 18 नाले अत्यधिक प्रदूषित सीवेज ले जाते हैं.
- वजीराबाद से ओखला के बीच यमुना नदी को मृत माना जाता है, क्योंकि इसमें घुलित ऑक्सीजन नहीं बचती है.
- यमुना में सबसे ज्यादा प्रदूषण नजफगढ़ नाले के जरिए आता है, जो दिल्ली का सबसे बड़ा नाला है.