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महिला सुरक्षा के लिए दिल्ली में स्थापित होंगे 53 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट, रेखा सरकार का बड़ा फैसला

दिल्ली: राजधानी में महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों के त्वरित निपटान के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. दरअसल, दिल्ली सरकार 53 नए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (Fast Track Special Courts) स्थापित करने जा रही है. इसके लिए तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस समय दिल्ली में अस्थायी/एडहॉक आधार पर ऐसे 16 न्यायालय कार्यरत हैं और उन्हें भी स्थायी न्यायालयों में परिवर्तित किया जाएगा. विधि विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया है.

इन न्यायालयों में मुख्यतः पॉक्सो अधिनियम, 2012 और बलात्कार से जुड़े मामले (आईपीसी की धारा 376/भारत न्याय संहिता की धारा 64) की सुनवाई की जाएगी. दिल्ली सरकार का मानना है कि ऐसे मामलों में शीघ्र सुनवाई और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित होने से समाज में एक सशक्त संदेश जाएगा और महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगेगा.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है. हम चाहते हैं कि पीड़ितों को वर्षों तक न्याय की प्रतीक्षा न करनी पड़े. उन्होंने कहा यह कदम न केवल त्वरित न्याय की गारंटी देगा बल्कि महिला सशक्तिकरण और सुरक्षित भारत के विजन को भी सशक्त करेगा. सरकार के इस निर्णय से दिल्ली की महिलाएं अब और अधिक आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना के साथ आगे बढ़ सकेंगी.

वर्तमान में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के 17,000 से अधिक मामले कोर्ट में लंबित हैं. इन मामलों की धीमी गति से सुनवाई के कारण पीड़ित परिवारों को न्याय पाने में देरी हो रही है. कुछ महीने पहले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में महिला सुरक्षा पर गठित टास्क फोर्स की उच्चस्तरीय बैठक में यह विषय को गंभीरता से चर्चा हुई थी. उपराज्यपाल ने निर्देश जारी किए थे कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में तत्काल और ठोस कदम उठाए जाएं.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार, उन्होंने संबंधित विभागों को तुरंत निर्देश जारी किए, जिसके बाद विधि विभाग ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय से परामर्श लिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को जानकारी दी कि मौजूदा लंबित मामलों और वित्त आयोग की सिफारिशों को देखते हुए 37 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय तत्काल आवश्यक हैं. हाईकोर्ट ने इसके इसके अलावा अस्थायी/एडहॉक आधार पर कार्यरत राजधानी के 16 न्यायालयों को भी स्थायी न्यायालयों में परिवर्तित करने की सिफारिश की.

इस प्रेकार कुल मिलाकर 53 (37+16) नए न्यायालयों की स्थापना का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री के अनुसार, दिल्ली सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि इन न्यायालयों की स्थापना के लिए आवश्यक ढांचा, न्यायिक अधिकारियों के पद और सहायक स्टाफ की नियुक्ति भी शीघ्र की जाए. विधि विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया है. इसके अंतर्गत 53 नए न्यायिक अधिकारियों के पदों की जल्द नियुक्ति की जा रही है.

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