उत्तराखंड: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों उत्तराखंड की यात्रा पर हैं. अपने तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन आज राष्ट्रपति ने नैनीताल में मां नैना देवी मंदिर के दर्शन किए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नयना देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर राष्ट्र की सुख-शांति की कामना की. मां नैना देवी के दर्शन करने के बाद राष्ट्रपति कैंची धाम पहुंचीं. वहां उन्होंने बाबा नीम करोली के दर्शन कर आशीर्वाद लिया.
अपने दो दिवसीय नैनीताल प्रवास के दौरान मंगलवार सुबह भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शक्तिपीठ श्री मां नयना देवी मंदिर पहुंचकर मां नयना देवी की पूजा-अर्चना की. उन्होंने माता से राष्ट्र की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. मंदिर पहुंचने पर मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति मुर्मू का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया. इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे.
पूजा-अर्चना के दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. राष्ट्रपति के मंदिर दर्शन के समय श्रद्धालुओं की आवाजाही को नियंत्रित रखा गया. राष्ट्रपति मुर्मू के आगमन से नगर में श्रद्धा और उल्लास का माहौल देखने को मिला.
बताते चलें कि मां नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में सुमार है. ऐसे में नैनीताल आने वाले पर्यटक भक्त या कोई भी व्यक्ति हो मां नैना देवी का आशीर्वाद लेना नहीं भूलता. इसी क्रम में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मां नैना देवी के मंदिर पहुंचीं और मां नैना का आशीर्वाद लिया. मंदिर के पुजारी जगदीश जोशी ने राष्ट्रपति को पूजा कराई. इस दौरान राष्ट्रपति ने कुछ समय मंदिर में रुककर मां की स्तुति की.
जिसके बाद राष्ट्रपति विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन के लिए कैंची धाम रवाना हो गईं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कैंची धाम में बाबा नीम करोली महाराज (नीब करौरी) के दर्शन किए. कैंची धाम से राष्ट्रपति वापस नैनीताल लौटेंगी. नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करेंगी. इस दौरान वो मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करेंगी. इसके बाद राष्ट्रपति दिल्ली लौट जाएंगी.
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैनीताल राज भवन के मुख्य द्वार जो नवनिर्मित है, इसका शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत मौजूद रहे.
राजभवन के मुख्य द्वार का यह शिलान्यास इस धरोहर के संवर्धन और संरक्षण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है. राजभवन नैनीताल, जो विगत 125 वर्षों से उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक, प्रशासनिक और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक रहा है, आज भी अपनी स्थापत्य कला, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक विरासत के लिए अद्वितीय स्थान रखता है. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी कौशल किशोर शुक्ल, अपर सचिव रीना जोशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

