उत्तराखंड: दो नवंबर को सीमांत जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में आयोजित आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन की तैयारियां तेज हैं. भारत में अब तक सबसे ऊंची चोटी पर मैराथन अगर कहीं हुई है तो वो लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के सुमदो में करीब 17000 फीट से अधिक ऊंचाई पर आयोजित हो चुकी है. जिसके बाद अब उत्तराखंड में भी 14000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर मैराथन आयोजित होने जा रहा है. मैराथन उच्च हिमालयी क्षेत्र गूंजी में होने जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के करीब 800 से अधिक धावक प्रतिभाग करेंगे.
इस मैराथन की खास बात यह है कि इसमें 20 साल से लेकर 65 साल तक के लोग हिस्सा ले रहे हैं. आदि कैलाश के चरणों से शुरू होने वाली इस अल्ट्रा मैराथन में बहुत कुछ खास होने वाला है. उत्तराखंड सरकार यहां आने वाले प्रतिभागियों को एक खास माहौल देकर कुमाऊं के पर्वतों की ब्रांडिंग की कोशिश कर रही है. खास बात यह है कि अगले साल मई और जून के महीने में इसी तरह की मैराथन नीति माणा बॉर्डर पर भी आयोजित की जाएगी.

कई लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या अभी भी किसी माध्यम से इस मैराथन में वो हिस्सा ले सकते हैं, तो इसका जवाब है नहीं है. पिथौरागढ़ प्रशासन ने ईटीवी भारत से साफ कहा है कि अब प्रतिभागियों की संख्या अधिक हो जाने की वजह से फिलहाल रजिस्ट्रेशन को बंद कर दिया गया है. रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से हो रहे थे और 800 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो जाने की वजह से अब पूरी तरह से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है.
पर्यटन विभाग और इस मैराथन के नोडल अधिकारी उत्कर्ष बताते हैं कि मैराथन में आने वाले लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. लगभग 22 राज्यों से आने वाले लोग एक यादगार और खूबसूरत पल यहां बिताए, इसके लिए इंतजाम बड़े स्तर पर किए गए हैं. जितने भी प्रतिभागी यहां पर आ रहे हैं उन्हें विशेष उपहार दिया जाएगा. इस उपहार में भगवान आदि कैलाश की मिट्टी, वहां का पत्थर, पार्वती कुंड की और आदि कैलाश की एक खूबसूरत पेंटिंग के अलावा स्थानीय उत्पादन भी भेंट किए जाएंगे.

जिलाधिकारी आशीष कुमार भटगांई ने आगे कहा कि इस आयोजन के सफल संचालन से आदि कैलाश क्षेत्र एवं व्यास घाटी को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने में सहायता मिलेगी. देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले धावकों के ठहरने, भोजन, चिकित्सा एवं सुरक्षा की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया गया है. सेना एवं पर्यटन विभाग द्वारा की जा रही तैयारियां सराहनीय है. प्रतिभागियों के स्वागत के लिए जिला प्रशासन पूर्ण रूप से तैयार है.
केदारनाथ से भी ऊपर यानी चीन भारत बॉर्डर पर भी इस तरह की मैराथन का आयोजन किया जा रहा है ये अल्ट्रा मैराथन नीति माणा बॉर्डर पर आयोजित होगा. आयोजन अगले साल मई और जून में रखा गया है. कुमाऊं के बाद गढ़वाल में ये दूसरी सबसे ऊंची चोटी पर मैराथन होने वाला है. लिहाजा आप अगर आदि कैलाश मैरथन से चूक गए हैं तो आपको अगली साल नीति माणा बॉर्डर मैराथन में भाग ले सकते हैं.

