दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवा विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल के तहत नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अलग-अलग युवा-केंद्रित पहलों का अनावरण करेंगे, जिससे देश भर में शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को निर्णायक बढ़ावा मिलेगा.
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह के चौथे संस्करण, कौशल दीक्षांत समारोह का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 46 अखिल भारतीय टॉपर्स को सम्मानित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश वाली केंद्र प्रायोजित योजना, पीएम-सेतु (उन्नत आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल एवं रोजगार क्षमता परिवर्तन) का शुभारंभ करेंगे. इस योजना के तहत देश भर के 1,000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में एडवांस किया जाएगा, जिसमें 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे.
प्रत्येक हब औसतन चार स्पोक से जुड़ा होगा, जिससे उन्नत बुनियादी ढांचे, आधुनिक ट्रेडों, डिजिटल शिक्षण प्रणालियों और इनक्यूबेशन सुविधाओं से सुसज्जित क्लस्टर तैयार होंगे. एंकर उद्योग भागीदार इन क्लस्टरों का प्रबंधन करेंगे और बाजार की मांग के अनुरूप परिणाम-आधारित कौशल विकास सुनिश्चित करेंगे. हब में नवाचार केंद्र, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण केंद्र, उत्पादन इकाइयां और प्लेसमेंट सेवाएं भी होंगी, जबकि स्पोक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
सामूहिक रूप से, पीएम-सेतु भारत के आईटीआई पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्परिभाषित करेगा, इसे सरकारी स्वामित्व वाला लेकिन उद्योग-प्रबंधित बनाएगा, जिसमें विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से वैश्विक सह-वित्तपोषण सहायता प्राप्त होगी. योजना के पहले चरण में, पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में स्थापित 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का उद्घाटन करेंगे. ये प्रयोगशालाएं रिमोट और आदिवासी इलाकों के छात्रों सहित, आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे 12 उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप, इस परियोजना में उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए प्रारंभिक आधार तैयार करने के लिए 1,200 व्यावसायिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करना भी शामिल है. कार्यक्रम का विशेष जोर बिहार में परिवर्तनकारी परियोजनाओं पर होगा, जो राज्य की समृद्ध विरासत और युवा जनसांख्यिकी को दर्शाती हैं. प्रधानमंत्री बिहार की पुनर्गठित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारंभ करेंगे. इसके तहत हर साल लगभग पांच लाख स्नातक युवाओं को दो साल तक 1,000 रुपये का मासिक भत्ता और मुफ़्त कौशल प्रशिक्षण मिलेगा.
प्रधानमंत्री बिहार सरकार में 4 हजार से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे और मुख्यमंत्री बालक और बालिका छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत कक्षा 9 और 10 के 25 लाख छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति जारी करेंगे.
शुरू की जाने वाली इन पहलों से भारत के युवाओं के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद है. शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता और बेहतर बुनियादी ढांचे को एकीकृत करके, इनका उद्देश्य देश की प्रगति के लिए एक ठोस आधार प्रदान करना है. बिहार पर विशेष ध्यान देने के साथ, राज्य के कुशल जनशक्ति के केंद्र के रूप में विकसित होने की संभावना है, जो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर विकास में योगदान देगा.