दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने आज गुरुवार को गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. ये सभी लोग सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता के आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा बदल दी और वे भारत को प्रगति के पथ पर अग्रसर करते रहेंगे.
इससे पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने लिखा कि गांधीजी ने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं, उन्होंने लोगों को सशक्त बनाने के आवश्यक साधन के रूप में सेवा और करुणा की शक्ति में विश्वास पैदा किया. उन्होंने आगे लिखा कि गांधी जयंती प्रिय बापू के असाधारण जीवन को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिनके आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा बदल दी. उन्होंने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं. वे सेवा और करुणा की शक्ति को लोगों को सशक्त बनाने के अनिवार्य साधन मानते थे. पोस्ट में लिखा कि हम एक विकसित भारत के निर्माण के अपने अभियान में उनके बताए मार्ग पर चलते रहेंगे.
#WATCH | Vice President CP Radhakrishnan pays tribute to #MahatmaGandhi at Raj Ghat, on his birth anniversary today.
(Source: DD) pic.twitter.com/FQbyur2cQe
— ANI (@ANI) October 2, 2025
बता दें, आज 2 अक्टूबर के दिन पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मनाता है. यह देश के लिए महत्वपूर्ण दिन है. 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, अहिंसक प्रतिरोध के अग्रदूत थे. अहिंसा और सत्याग्रह के अपने दर्शन के माध्यम से, उन्होंने लाखों भारतीयों को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया. भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ ही महीनों बाद, 30 जनवरी, 1948 को, नई दिल्ली स्थित गांधी स्मृति में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी. उनके जीवन और बलिदान को दुनिया भर में शांति और मानवीय गरिमा के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है.
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें एक ‘असाधारण राजनेता’ बताया, जिनकी ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को मजबूत किया. सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि शास्त्री जी अनुकरणीय नेतृत्व और निर्णायक कार्रवाई के प्रतीक थे और उनके ‘जय जवान जय किसान’ के आह्वान ने लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई. 1965 में दिया गया यह नारा, अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और किसानों के योगदान का सम्मान करने के भारत के सामूहिक संकल्प की सबसे स्थायी अभिव्यक्तियों में से एक है. लाल बहादुर शास्त्री जी एक असाधारण राजनेता थे जिनकी ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत को मजबूत किया.