गाजियाबाद: नवरात्रि के 5वें दिन गाजियाबाद में 450 से अधिक स्कूलों में छात्राओं ने प्रधानाचार्य, शिक्षिका और वार्डन आदि की भूमिका निभाई है. मिशन शक्ति 5.0 के तहत गाजियाबाद के सभी स्कूलों में जिलाधिकारी ने छात्राओं को एक दिन के लिए प्रधानाचार्य, शिक्षक आदि की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए थे. इस विशेष पहल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और छात्राओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है.
गाजियाबाद के स्कूलों में छात्राओं ने अनुशासन बनाए रखने, शिक्षण कार्य संचालित करने, मिड डे मील की निगरानी, उपस्थिति दर्ज करने और छात्र-छात्राओं की समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण करने की जिम्मेदारी गंभीरता के साथ निभाई. छात्राओं द्वारा न सिर्फ जिम्मेदारी निभाई गई, बल्कि इन जिम्मेदारियों को निभाने में क्या चुनौतियां सामने आती हैं, उसकी भी जानकारी ली गई. लंच ब्रेक के दौरान भी छात्राओं ने स्कूल की निगरानी की.
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तहत गाजियाबाद में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में लक्ष्मी ने वार्डन व प्रधानाचार्य की भूमिका निभाई. जबकि, इशिका कुमारी शिक्षिका बनीं. इसके अलावा भी कई छात्राओं ने अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाई हैं. कुल मिलाकर सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां की कमान स्कूल की छात्राओं के पास रही.
एक दिन के लिए अपने स्कूल में शिक्षिका बनीं इशिका कुमारी काफी उत्साहित दिखीं. इशिका का सपना बड़े होकर आईपीएस बनना है. इशिका कहती हैं,” स्कूल में हमने बहुत कुछ सीखा है. यहां हमने केवल शिक्षा ही नहीं ली बल्कि आत्मविश्वास भी हासिल किया है. आज शिक्षक बनकर हमने सीखा है कि एक शिक्षक के सामने छात्रों को पढ़ाने के दौरान क्या चुनौतियां आती हैं. हमें जीवन में जो भी जिम्मेदारी मिले हमें उसे ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए. आज कक्षा 6 में बच्चों को गणित पढ़ाया है. सरकार की यह बहुत अच्छी पहल है इससे बेटियों को हौसला मिलेगा.”
बता दें कि गाजियाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा मिशन शक्ति के तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली छात्राओं को बैंकों और अस्पतालों का भी भ्रमण कराया जा रहा है, ताकि किस तरह से बैंकों में काम होता है और अस्पतालों में किस तरह से मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाता है, इसके बारे में छात्राओं को जानकारी मिल सके. विभाग द्वारा छात्राओं को विभिन्न सरकारी कार्यालय का भी भ्रमण कराया जा रहा है. बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि पढ़ाई के साथ एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी बेहद जरूरी है.