उत्तर प्रदेश: राम जन्मभूमि मंदिर में माता जानकी संग श्री राम के आगमन से पूर्व स्वार्णिम मंदिर बनकर तैयार हो गया है. भूतल से लेकर 161 फीट ऊंचा शिखर मंदिर की भव्यता और अलौकिक और अद्भुत स्वरूप प्रदान कर रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का दावा है कि उत्तर भारत का सबसे अलौकिक स्वार्णिम मंदिर का निर्माण हुआ है.
राम मंदिर में दूसरे प्राण प्रतिष्ठा उत्सव के पूर्व मंदिर के शिखर को स्वर्ण जड़ित के साथ मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया है. इस मंदिर में भूतल पर भगवान श्री रामलला विराजमान है, और प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की गई है जिसमें माता सीता और प्रभु श्री राम सिंहासन पर विराजमान है और भक्त हनुमान व भाई लक्ष्मण प्रभु के चरणों में हाथ जोड़कर बैठे हुए हैं. इसके साथ ही भरत और शत्रुघ्न भी सिंहासन के दोनों दिशाओं में खड़े हुए हैं.
5 जून को विधि विधान पूर्वक वैदिक आचार्य के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा संपन्न की जाएगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा बताते हैं कि मंदिर परिसर में चल रहे सभी कार्य पूर्ण रूप से समाप्त हो गए हैं और अब मंदिर में लगे निर्माण कार्य सम्बंधित सभी उपकरण को हटाने का कार्य किया जा रहा है.
राम मंदिर का दूसरा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 2 जून को कलश यात्रा के साथ शुरू होगा. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं 108 कलश में पवित्र सरयू का जल लेकर राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगीं. जहां इन सभी कलशों का पूजन किया जाएगा. राम मंदिर परिसर में 14 से अधिक देव मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. इसके लिए तीन जून से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान 101 वैदिक आचार्य के द्वारा प्रारंभ किया जाएगा. पूजन में सबसे पहले मूर्तियों के निर्माण संबंधित प्रायश्चित पूजा संपन्न होगा.
राम मंदिर में 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी सुगम और वीआईपी पास निरस्त रहेंगे. इस दिन मंदिर में राम दरबार सहित पर कोटा के 6 मंदिरों में स्थापित देवी देवताओं के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो जाएगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के सभी वैदिक आचार्य अयोध्या पहुंच चुके हैं. तो वही सभी प्रकार की तैयारी भी हो गई है. तीन दिवसीय अनुष्ठान के दौरान आने वाले श्रद्धालु राम मंदिर दर्शन पूजन कर सकेंगे लेकिन 5 जून को दर्शन की व्यवस्था में कुछ देर के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है लेकिन इसके पहले इस दिन के सभी दर्शन पास दोपहर 2:00 बजे तक के लिए निरस्त कर दिया गया है.